Bharat
Dastakaar
बहुत सुन्दर भावों से सजी हुई कविता कही है भरत भाई - बधाई स्वीकार करें !
योगी भाई बहुत बहुत शुक्रिया ...
Bharat ji bahut sundar kahtey hain aap ..aapki har rachana behtar hai ..badhai seekaren ..
Bharat ji ..aapki har rachna behtar hai ..sundar rachnaon ke liye badhai
A gud poetry.
बहुत अच्छा लिखा है भारत भाई......!हमने भी बहुत से सामान रखे है...पर क्या करें वो आये ही नही जिनके लिए अरमान रखे है ....
simply WOWWWWWWWWWWWW
simply WOWWWWWWWWWWWWWW
its so beautiful,so romantic,simply superb and awesome......
Very nicely expressed poetry !!!
बहुत सुन्दर कविता ..जिस तरह से दूरी में भी नजदीकियों का एहसास जताती हैं ..बहुत खूब ..हुनुरबंद
कविता के भाव निराले हैं. अच्छी कविता के लिए बधाई स्वीकार करें.
तुमने आँखों में सारे जवाब रक्खे हैंपढ़ने के सलीके हमने सीख रक्खे हैं.........................कोई मिलना भर ही मोहब्बत नहीं होती.....................................रूह से रूह मिला फिर रब के हो रखे हैं ...............''राज़-ए-उल्फत''...बहुत खूब !!!!
स्वागत है
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बहुत सुन्दर भावों से सजी हुई कविता कही है भरत भाई - बधाई स्वीकार करें !
उत्तर देंहटाएंयोगी भाई बहुत बहुत शुक्रिया ...
उत्तर देंहटाएंBharat ji bahut sundar kahtey hain aap ..aapki har rachana behtar hai ..badhai seekaren ..
उत्तर देंहटाएंBharat ji ..aapki har rachna behtar hai ..sundar rachnaon ke liye badhai
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उत्तर देंहटाएंबहुत अच्छा लिखा है भारत भाई......!हमने भी बहुत से सामान रखे है...पर क्या करें वो आये ही नही जिनके लिए अरमान रखे है ....
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उत्तर देंहटाएंबहुत सुन्दर कविता ..जिस तरह से दूरी में भी नजदीकियों का एहसास जताती हैं ..बहुत खूब ..हुनुरबंद
उत्तर देंहटाएंकविता के भाव निराले हैं. अच्छी कविता के लिए बधाई स्वीकार करें.
उत्तर देंहटाएंतुमने आँखों में सारे जवाब रक्खे हैं
उत्तर देंहटाएंपढ़ने के सलीके हमने सीख रक्खे हैं
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कोई मिलना भर ही मोहब्बत नहीं होती
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रूह से रूह मिला फिर रब के हो रखे हैं ...............''राज़-ए-उल्फत''...बहुत खूब !!!!